Wednesday 28 January 2009

कुछ बातें हिन्दी में

मुझे ब्लाग लिखने में मजा आने लगा है और अपनी भावनाएँ प्रकट करने का इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है। अब तो रोज एक नये विषय पर अपने विचार लिखना अच्छा लगता है। कभी कभी बच्चों की बातें भी लिखने को उकसाती हैं। हिन्दी में अभिव्यक्ति भी इसी की कोशिश है।

आज सुबह सैर पर जाते हुए पहली बार मैने 'Luck by chance' का 'सपनों से भरे नैना' गाना पूरा सुना। सुनकर बहुत अच्छा लगा। ये लेखक भी जादुगर होते हैं कितनी गहरी बातें इतनी सहजता से कह जाते हैं। सुख और चैन के अंतर को बहुत सही बताया गया है। जावेद अख्तर ने बहुत सुन्दर गीत लिखा है। हम जितने चाहे बाहरी दुनिया में सुख ढूंढ लें लेकिन चैन हमें अपने अंदर ही मिलेगा और उसका मिलना भी हमारे अपने ही बस में है। हम कहीं चैन लेना चाहते भी हैं या सब कुछ बाहर ही ढूंढ रहे हैं। सपने कभी खत्म नहीं होते और होने भी नही चाहिए वरना जीवन रुक जाएगा लेकिन सपनों के पीछे वर्तमान को भोगना नही छोड़ देना चाहिए।

अब तो इंतज़ार है इस मूवी को देखने का......

Jaaved Akhtar is a great writer....hats off to him :) and I like Farhan Akhtar a lot, specially after watching 'Oye! its Friday' :)

3 comments:

उन्मुक्त said...

चिट्ठकारी का अपना ही मजा है। पर सब जादुगर नहीम होते। मां सरस्वती की कृपा सब पर नहीं होती।

हिन्दी में और भी लिखिये। यदि हिन्दी में ही लिखने की सोचें तो अपने चिट्ठे को हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत करा लें। इनकी सूची यहां है।

कृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है।

Rachna said...

Good show !

creativemanika said...

यह जवाब उन्मुक्त के लिए । मेरे ब्लॉग पर विचार के लिए धन्यवाद। यह वर्ड वेरिफिकेशन क्या है और मुझे पता नहीं कि यह मेरे ब्लॉग पर है। लेकिन मै हमेशा टिप्पणी के लिए उत्सुक हूँ।